मंगल पांडे का जीवन परिचय | Mangal Pandey Biography in Hindi

मंगल पांडे जीवन का परिचय (Mangal Pandey Jeevan Parichay, Age, Caste, Father, Mother, Sister, Death, Movie, Biography in Hindi)

भारतीय इतिहास में मंगल पांडे ही वह पहले व्यक्ति थे जिन्होंने क्रांति का आगाज किया था. क्योंकि उन्होंने ना केवल ब्रिटिश का विरोध किया था बल्कि देश हित और अपने धर्म की रक्षा में अपना जीवन ही न्योछावर कर दिया था. 1857 की क्रान्ति में इन्होंने महत्वपूर्ण भूमिका निभाई थी,उनके कारण ही ये क्रान्ति इतिहास में अपना नाम दर्ज करा सकी थी.

1857 की क्रांति और मंगल पांडेय

मंगल पांडे जन्म और परिवार (Family details, Birth Details and history)

मंगल पांडे का जन्म 19 जुलाई 1827 को बलिया जिले के नगवा गाँव में हुआ था. इनके पिता जी का नाम दिवाकर पांडेय और माता जी का नाम अभारानी पांडेय था। इनकी बहिन की 1830 के अकाल में मृत्यु हो गयी. मंगल पांडे एक महत्वकांक्षी युवा थे. वो ब्राह्मिण जाती के थे, उन्होंने 1849 में बंगाल आर्मी जॉइन की थी. वो 34वे बंगाल नेटिव इन्फेंट्री के पांचवी कंपनी में निजी सैनिक थे. 

मंगल पांडे और भारत का पहला स्वतंत्रता संग्राम

मंगल पांडे जब 22 वर्ष के थे तब ही उन्होंने ईस्ट इंडिया कम्पनी जॉइन कर ली थी. उनकी नियुक्ति अकबरपुर के एक ब्रिगेड में हुयी थी जो की मार्च पास्ट कर रही थी. शुरू में वो अपने मिलिट्री करियर के प्रति बहुत उत्साहित थे,उनके रेजिमेंट में अन्य ब्राह्मिण युवा भी थे,धीरे-धीरे उनका मिलिट्री सर्विस से मोह भंग होने लग गया, बैरकपुर में पोस्टिंग के दौरान हुए एक घटना-क्रम ने उनका जीवन बदल दिया था. रानी लक्ष्मी बाई के बारे में जानने केलिए यहाँ पढ़े 

उन दिनों भारत में एक नए प्रकार की राइफल लांच हुयी थी,जिसका नाम एनफील्ड राइफल था. इसका उपयोग आर्मी में किया जाने लगा. इसके कार्टिज पर जानवरों की चर्बी से ग्रीज लगे होने की अफवाह उड़ी थी, और वो जानवर भी गाय और सूअर थे जिन्हें हिन्दू-मुस्लिम बहुत पवित्र मानते थे. जिससे हिन्दू-मुस्लिम सैनिकों में आक्रोश फैलने लगा. क्योंकि राइफल का उपयोग करते समय सैनिकों को इसमें ग्रीज लगी कार्टिज को मुंह से छीलकर हटाना पड़ता था. इस कारण भारतीय सैनिकों को लगने लगा की अंग्रेज उनकी धार्मिक भावनाओं के साथ खिलवाड़ कर रहे हैं. मंगल पांडे भी इस बात पर क्रोधित हुए और उन्होंने अंग्रेजों से बदला लेने की सोची. तात्या टोपे के बारे में जानने के लिए यहाँ पढ़े।  

अंग्रेज अफसर मेजर ह्यूसन की हत्या

 29 मार्च 1857 को मंगल पांडे परेड ग्राउंड से रेजिमेंट गार्ड रूम पर पहुंचे,और अन्य सैनिकों को भी विद्रोह के लिए  प्रेरित करना शुरू किया,उन्होंने सबसे पहले दिखने वाले ब्रिटिश ऑफिसर को मारने का फैसला किया था. वो ग्राउंड में सैनिकों को समझा रहे थे और उन्हें देश और धर्म के प्रति कर्तव्य याद दिलाने की कोशिश कर रहे थे. तभी लेफ्टिनेंट बौघ अपने घोड़े पर मंगल पांडे की तरफ बढने लगे, मंगल पांडे ने लेफ्टिनेंट पर गोली चला दी लेकिन गोली घोड़े के पैर पर लगी और बौघ नीच गिर गया. बौघ ने तुरंत पांडे पर फायर किया,लेकिन वो भी निशान चुक गया और इसी दौरान उन्होंने बन्दुक में नयी राइफल डालने की कोशिश की,लेकिन इसमें समय लगता देखकर पांडे ने एक हाथ में तलवार उठा ली,और बौघ पर प्रहार किया,जिससे बौघ घायल हो गया. तभी एक अन्य सैनिक शैख़ पल्टू मंगल पाण्डे के पीछे से आया और उन्हें पकड़ने की कोशिश की, लेकिन मंगल पांडे ने खुदको उसके चुंगल से छुड़ा लिया. वो भी पलटकर भाग गया. आवाज़ सुनकर सार्जेंट-मेजर ह्युडसन ग्राउंड पर पहुचे,उन्होंने जमादार इश्वरी प्रसाद को आदेश दिया कि वो मंगल पांडे को तुरंत गिरफ्तार करे,लेकिन इश्वरी प्रसाद ने ऐसा करने से मना कर दिया. ह्युडसन लेफ्टिनेंट को सम्भालने को आगे बढे तभी पीछे से मंगल पांडे ने उन पर गोली चलाकर ह्त्या कर दी. बहादुर शाह ज़फर के बारे में जानने के लिए यहाँ पढ़े

थोड़ी देर में अंग्रेजों की गाडी आई और साथ आये असफरों ने भी सैनिकों को आदेश दिया कि वो इस सैनिक को पकडे ,लेकिन सैनिकों ने घायल और सदाचारी ब्राह्मण को हाथ लगाने से मना कर दिया. ब्रिटिश ऑफिसर्स का खून और सैनिकों में आक्रोश बढ़ता देखकर वो भी लौट गये. हालांकी बाद में  जनरल हाइरस(Hyeres) बहुत सारे यूरोपियन सैनकों के साथ पहुँच गए और तब तक दोपहर हो चुकी थी और मंगल पाण्डे भी थक चुके थे. वे ये समझ चुके थे कि वो अब अंग्रेजों से नहीं लड़ सकते इसलिए उन्होंने खुदकी ही छाती पर गोली मार ली, जिससे वे जमीन पर गिरकर बेहोश हो गये. उसके बाद ही अंग्रेज अधिकारी उन्हें हाथ लगा सके थे,और उन्हें उठाकर मिलिट्री हॉस्पिटल ले जाया गया.

एक सप्ताह के भीतर ही उन्हें मिलिट्री कोर्ट ले जाया गया,जहां पर उस शूरवीर से पूछा गया कि उनके साथ इस प्लान में और कौन-कौन शामिल था?? मंगल पांडे ने एक का नाम भी नहीं लिया. उन्हें मृत्यु-दंड की सजा सुनाई गयी. ये बात अब सेना में फैली तो अब तक का दबा-छुपा आक्रोश बाहर आने लगा, सैनिकों में उनके लिए इज्जत और बढ़ गयी वो समझ गए कि अपने धर्म की रक्षा के लिए मंगल पांडे ने अपनी जान दांव पर लगा दी है,जिसे वो सिर्फ सोच रहे थे,मंगल पांडे ने कर दिया था. इस तरह से आक्रोश इतना बढ गया था कि उनकी लाश को बैरकपुर से बाहर निकालना भी मुश्किल हो गया था,आखिर में कलकता से 4 लोगों को बुलाया गया.

मंगल पांडे को फांसी (Mangal Pandey death)

स्वतंत्रता संग्राम के प्रथम क्रन्तिकारी को फांसी की सजा 18 अप्रैल 1857 को देना तय किया गया  था,लेकिन किसी बड़ी क्रांति की आशंका और डर के चलते अंग्रेजों ने 10 दिन पूर्व 8 अप्रैल 1857 को ही उन्हें फांसी दे दी थी. मंगल पांडे की शहादत ने 1857 की क्रान्ति की चिंगारी को हवा दी और इस तरह देश के पहले स्वतंत्रता संग्राम की क्रान्ति की लहर देश में फ़ैल गयी. लार्ड कैनिंग के बारे में जानने के लिए यहाँ पढ़े 

मंगल पांडे से जुड़े रोचक तथ्य (Unknown Facts about Mangal Pandey)

  • मंगल पांडे के बलिदान के बाद ही ब्रिटिश सरकार ने ये मान्य किया कि सैनिक कारतूस पर ग्रीज़ के तौर पर घी का उपयोग कर सकते हैं, इसके लिए लार्ड कैनिंग ने प्रस्ताव पारित करवाया. 
  • जिस जगह मंगल पांडे ने ब्रिटिश अफसरों पर आक्रमण किया था वहां पर अब पार्क बनाया गया हैं जिसे शाहिद मंगल पांडे महाउद्यान के नाम से जाना जाता हैं.
  • 5 अक्टूबर 1984 में भारतीय सरकार ने इन्हें पहला स्वतंत्रता सेनानी मानते हुए उन पर पोस्टेज स्टाम्प ज़ारी किया. इसे सी आर प्रकाशी ने डिजाइन किया हैं,जिसमें मंगल पांडे की फोटो लगी हैं.
  • मंगल पांडे ने अंग्रेजों पर इतना प्रभाव डाला कि उन्होंने एक नये अंग्रेजी शब्द “पांडे” को अपनी भाषा में जगह दे दी, जिसका मतलब उन्होंने ट्रेटर (देशद्रोही,विशवास-घाती)रखा. हालांकि ये बाद में बोल-चाल की भाषा में प्रयुक्त नहीं हुआ इसलिए अब इसका इस्तेमाल कम किया जाता हैं. बेग़म हज़रत महल के बारे में जानने के लिए यहाँ पढ़े 

मंगल पांडे पर बनी फिल्म (Mangal Pandey Film)

मंगल पांडे पर ज्यादा मूवी नही बनी हैं,लेकिन 2005 में आमिर खान अभिनीत फिल्म मंगल पांडे- दी राइजिंग स्टार (Pandey-The Rising Star) विवादित रही थी. इसके नाम में राइजिंग था, जिस पर यश चोपड़ा ने अपनी सफाई भी दी थी. इसके अलावा फिल्म में मंगल पांडे के एक वेश्या हीरा से विवाह संबंधित सीन पर विवाद भी हाई-कोर्ट तक गया था,जिसमें कोर्ट ने ये फैसला दिया था कि मंगल पांडे ने कोई विवाह नहीं किया था.

फिल्म की संपूर्ण जानकारी :

फिल्म का नाममंगल पांडे: दि राइजिंग
डायरेक्टरकेतन मेहता
राइटरफारुख धोंडी
रिलीज डेट12 अगस्त 2005
मंगल पांडे का किरदारआमिर खान
हीरा का किरदाररानी मुखर्जी
ज्वाला का किरदारअमीषा पटेल
बहादुर शाह जफरहबीब तिवारी
रानी लक्ष्मीबाई का किरदारवर्षा उसगोंकर

मंगल पांडे ना केवल इतिहास में अपना नाम दर्ज करवा गए बल्कि तत्कालीन परिस्थितीयों में सैनिकों के जीवन में गहरा प्रभाव छोड़ गए थे. ब्रिटिश सरकार ने 34 में से 19 बटालियन को भंग कर दिया गया,जिसका सैनिकों पर गहरा प्रभाव पडा. उन्होंने अपने यूनिफार्म को फाड़ दिया जो कि गुलामी की निशानी थी और पवित्र गंगा में डूबकी लगाई जिससे उनके पापों को कम किया जा सके.

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