महाराजा गंगाधर राव का जीवन परिचय ( Maharaja GangaDhar Rao Age,Wife,History,Chatri,Death.Biography in Hindi)
बुंदेलखंड के झाँसी साम्राज्य के राजा गंगाधर राव नेवालकर एक बुद्धिमान ,बलवान होने के साथ साथ कला और संस्कृति के प्रेमी भी थे . इनके पास ज्ञान और गुणों का भंडार था , इनसे अंग्रेज भी बेहद प्रभावित थे इसलिए इन्हें ब्रिटिश सरकार द्वारा झांसी सी का महाराजा का पद सौपा गया था . इन्होने इनकी पत्नी के नाम से भी जाना जाता है ये झाँसी की रानी महारानी लक्ष्मी बाई के पति है .
शिक्षा, जन्म स्थान एवं पारिवारिक जानकारी ( Education , Early Life , Birth and Family) :
गंगाधर राव नेवलकर उत्तरी भारत में झांसी के महाराजा थे . ये मराठा साम्राज्य के वासल थे , इनके पिता शिव राव भाऊ थे . झांसी में पहले मराठा साम्राज्य के गवर्नर रघुनाथ हरि नेवलकर के वंशज थे , ये रत्नागिरी जिले से आए थे और इनमे से कुछ खानदेश चले गए थे. रघुनाथ हरि नेवलकर ने बुंदेलखंड में मराठा राजनीति को मजबूत किया . जब ये बुडे हो गए और सत्ता सँभालने में असमर्थ हो गए तब अपने छोटे भाई शिव राव भाऊ को शासन सौप दिया . जब 1838 में शिव राव भाऊ का निधन हुआ तो झाँसी की हालत ठीक नही थे, तब ब्रिटिश सरकार ने गंगाधर राव को झाँसी का राजा नियुक्त किया क्योकि ब्रिटिश सरकार का कहना था जब तक हमें हमारा कर्ज नही दिया जाता तब तक हम राजकीय कार्य में शामिल रहेंगे और झाँसी का पूरा शासन गंगाधर राव करेंगे इस प्रकार झाँसी में अंगेजो को कुछ अधिकार देना पड़े.
गंगाधर राव की शादी ( Gangadhar Rao Marriage ) :
महाराजा गंगाधर राव का विवाह मई 1842 को मणिकर्णिका से हुआ , जोकि मोरोपंत ताम्बे और भागीरथी की संतान थी . शादी के बाद इनका नाम बदल कर हिन्दू धर्म की देवी लक्ष्मी जी के नाम पर लक्ष्मी बाई रखा गया . जब इनका विवाह हुआ तो झांसी की स्थिति बदल गई और कई सकारात्मक परिणाम हुए इसलिए महाराजा अपनी पत्नी के कदमो को बहुत शुभ मानते थे . उनका कहना था कि रानी के उनके जीवन में आ जाने से उनके शासन की उन्नति और विकास हुआ . वे रानी को बहुत ही सौभाग्यशाली मानते थे . झाँसी की आन बान और शान के लिए राजा और रानी ने खुद को समर्पित कर दिया . इनकी गौरव का गुणगान आज भी झांसी में सुनाया जाता है .
महाराजा गंगाधर राव और उनका शासनकाल (Gangadhar Rao Ruling Period)
गंगाधर राव एक साहसी और ज्ञानी राजा थे इन्होने 1843 से 1853 तक झांसी का साम्राज्य संभाला , जब इन्हें झांसी का राजा बनाया गया तब , झांसी की हालत इतनी अच्छी नही थी , तब इन्होने अपनी कुशल निति से झांसी की वीत्तीय स्थति में सुधार किया . इनके शासन में झांसी के विकास के लिए कई कदम उठाए गए . इन्होने 5000 सैनिक की सेना बनाई और उसका नेतृत्व किया . रघुनाथ राव के शासन में राज्य पर बहुत कर्ज हो गया था , इसलिए ब्रिटिश सरकार ने ये फैसला लिया की जब तक उनका कर्ज वापस नही मिलेगा तब तक वे यहाँ के शासन में हस्तक्षेप करेगे . लेकिन जब गंगाधर राव ने शासन संभाला तब अंग्रेजों का सारा कर्ज चुका दिया और झांसी की हालात पहले से काफी अच्छे हो गए . लेकिन ब्रिटिश फिर भी झांसी साम्राज्य को हथियाना चाहते थे . इसलिए ब्रिटीशर्स ने अपनी एक सैन्य टुकड़ी हमेशा झाँसी में राखी।
महाराजा गंगाधर राव पुत्र प्राप्ति और म्रत्यु (Maharaja Gangadhar Rao Son and his death)
1851 में महारानी ने एक बालक को जन्म दिया . झांसी में ख़ुशी की लहर दौड़ गई . महाराजा बेहद खुश हुए क्योकि उनका उत्तराधिकारी उन्हें प्राप्त हो गया था अब झांसी साम्राज्य को उनसे कोई नही छीन पाएगा . लेकिन राजा की इस ख़ुशी को नज़र लग गई और केवल 4 महीने के बाद ही इस बालक की मृत्यु हो गई . राजा और रानी बेहद दुखी हुए पुरे साम्राज्य में दुख के बादल छा गए .
महाराजा गंगाधर राव की म्रत्यु (Maharaja Gangadhar Rao death)
पुत्र की मृत्यु का महाराजा पर गहरा असर हुआ , वे सदमे में चले गए और उनकी तबियत भी बिगड़ने लगी. लॉर्ड डलहौज़ी के “Doctrine of Lapse” रूल के कारण झाँसी के राजा बहुत चिंतित थे। उन पर कोई दवाई का असर नही हो रहा था और फिर नवरात्री के समय वे माता की पूजन करते वक्त अचानक से बहुत अधिक बीमार हो गए और दशहरे के दिन ये पता चला कि , राजा को एक गंभीर बीमारी ने घेर लिया है . दूर दूर से बड़े बड़े वेद्यो को बुलाया गया , लेकिन महाराजा की हालत बहुत ख़राब हो गई और इन्होने अंग्रेजी उपचार के लिए साफ़ इनकार कर दिया . आखिर में 20 नवम्बर 1853 को इनकी मृत्यु हो गई .
महाराजा गंगाधर राव की म्रत्यु के बाद झांसी (Jhansi after Gangadhar Rao’s death)
महाराजा गंगाधर राव की पत्नी रानी लक्ष्मी बाई बहुत ही साहसी महिला थी . केवल 18 साल की उम्र में महारानी लक्ष्मी बाई को शासन सौपा गया . अपने पति की मृत्यु के बाद इन्होने बड़ी ही समझदारी से झांसी साम्राज्य का शासन संभाला . इन्हें बचपन से ही एक पुत्र की तरह परवरिश दी गई , इन्हें घर में ही पढाया गया जिसमे इन्हें घुड़सवारी , निशाने बाजी , तलवार बाजी का हुनर तात्या टोपे और नाना साहिब के साथ सिखाया गया . झांसी साम्राज्य का कोई उत्तराधिकारी नही होने के कारण ब्रिटिश झांसी साम्राज्य पर अपना प्रभुत्व स्थापित करना चाहते थे. इसलिए इन्होने झांसी की रक्षा करते करते 1857 की क्रांति के बाद अपने प्राणों की आहुति दे दी और स्वयं को हमेशा के लिए अमर कर दिया .
गंगाधर राव के बारे में कुछ रोचक बाते (Unknown facts about Maharaja Gangadhar Rao)
- गंगाधर राव कला संस्क्रति के प्रेमी थे ये अपनी संस्कृति को अपनी धरोहर मानते थे . इन्होने झाँसी में हर प्रकार का विकास किया झाँसी के हालत पहले से बहुत हद तक सुधर गए और झाँसी पर ब्रिटिश सक्रक का जितना कर्ज था वह खत्म हो गया . इनके शासन काल में झाँसी एक विकसित साम्राज्य बन गया .
- इन्होने संस्कृत पांडुलिपियों की कई अच्छी पुस्ताकालय का संग्रह किया और झाँसी शहर की वस्तुकला का विकास किया और इसे सम्रद्ध बनाया .
- इन्होने अपने अंतिम समय में भी साम्राज्य के लिए योजना बनाई , इनका कोई उत्तराधिकारी नही होने के कारण इन्होने ब्रिटिश सरकार को खत लिखा और उत्तराधिकारी गोद लेने की बात रखी और बालक के बड़े होने तक अपनी पत्नी को साम्राज्य सँभालने देने की अनुमति मांगी और पत्नी और बच्चे की सुरक्षा का आश्वासन माँगा और झाँसी राज्य के साथ दयालुता से व्यवहार किए जाने की याचना की .
महाराजा गंगाधर राव की छतरी ( Maharaja Gangadhar Rao Chatri)
राजा गंगाधर राव के समर्पण और सेवा की याद में महारानी लक्ष्मी बाई ने महाराजा के सम्मान में एक छतरी का निर्माण किया . यह छतरी को गंगाधर राव की वीरता का प्रतिक है और उनके नाम से जानी जाती है . यह बुन्देलखण्ड का एक प्रसिद्ध ऐतिहासिक स्मारक है , जो कि टूरिस्ट को विशेष रूप से आकर्षित करता है . यह छतरी महाराजा की गौरव गाथा का प्रतीक है .
गंगाधर राव ने झांसी की रक्षा करते करते अपने प्राणों को त्याग दिया . ये एक न्याय प्रिय , प्रजा प्रिय स्वाभिमानी राजा थे इनके स्वाभिमान की कई कहानियाँ सुनाई जाती है . इन्होने बहुत सूझबूझ से शासन किया और झांसी को उन्नति की और अग्रसर किया . इनकी वीरता की कहानी सालो से सुनाई जा रही है . हमें गर्व है भारत की भूमि पर ऐसे महान राजा ने जन्म लिया अपना जीवन अपनी मातृभूमि के नाम कर दिया .
रानी लक्ष्मी बाई और महाराजा गंगाधर राव पर एक फिल्म भी आने वाली है जिसमें रानी लक्ष्मी बाई का लीड रोल कंगना राणावत कर रही है।
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